फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह ने हाई कोर्ट में मांगी माफी, मिल गई प्रयागराज छोड़ने की इजाजत
Farrukhabad SP Aarti Singh Apologizes
Farrukhabad SP Aarti Singh Apologizes: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक आरती सिंह की पेशी हुईं. बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर माफी मांगी. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई. फर्रुखाबाद की प्रीति यादव की ओर से इस संबंध में याचिका दाखिल की गई है.
एसपी आरती सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह मामला दो लोगों को सात दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखने, एक वकील एवं उनके बेटे को कोर्ट परिसर से हिरासत में लेने और वकील के घर में पुलिस के तोड़फोड़ से जुड़ा है. कोर्ट में माफी मांगने के बाद उनको प्रयागराज छोड़ने की इजाजत मिल गई है.
चार बिंदुओं पर हुई बहस
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई. फर्रुखाबाद की प्रीति यादव ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. बुधवार को हाई कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक मामले में सुनवाई हुई. मामले में एसपी फर्रुखाबाद आरती सिंह ने हलफनामा दाखिल किया है. हाई कोर्ट में आज मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर बहस हुई. इस मामले की सुनवाई के क्रम में मंगलवार को हाई कोर्ट ने फर्रुखाबाद एसपी को कोर्ट में बैठाकर रखने का आदेश जारी किया था.
ये है पूरा मामला?
दरअसल, दो लोगों को 6 दिन तक अवैध हिरासत में रखने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को सख्त रुख अपनाया था. वकील संतोष पांडे ने फतेहगढ़ निवासी प्रीति यादव की ओर से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की थी. जिसमें एसपी और पुलिस पर अवैध तरीके से दो लोगों को हिरासत में रखने का आरोप लगाया गया था.
5 पुलिस वालों पर लगा आरोप
प्रीति यादव की ओर से दायर याचिका के बाद पुलिस की कार्रवाई का मामला सामने आया. पुलिस टीम द्वारा घर में घुसकर धमकाने की बात सामने आई. धमकाने के मामले में थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ समेत 4-5 पुलिस वालों के शामिल होने का आरोप लगा. पीड़िता ने बताया कि घर में घुसने वाले पुलिस अधिकारी और कर्मी लगातार एसपी से बात कर रहे थे. पुलिस ने प्रीति के परिवार के दो लोगों को हिरासत में ले लिया. इन दोनों को पुलिस ने करीब एक सप्ताह तक हिरासत में रखा. एक सप्ताह बाद 14 सितंबर को दोनों लोगों करो रात में पुलिस ने छोड़ दिया.